भेल इंटक अध्यक्ष राजेश शुक्ला का जबरन थ्रिफ्ट अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने से थ्रिफ्ट सोसायटी का काम ठप
भेल कॉपरेटिव सोसायटी भी ऐसी हरकतों से बर्बाद हुई, सोसायटी श्रमिकों का PF अटका, वेतन महीनों नहीं मिला, गैस सिलेंडर आपूर्ति ठप
अब थ्रिफ्ट सोसायटी की कुर्सी पर उपाध्यक्ष की दखलअंदाज़ी, अध्यक्ष को काम काज करने से रोका
भेल कॉपरेटिव सोसायटी, जो कभी भेल कर्मचारियों की ज़रूरतें पूरी करने के लिए जानी जाती थी, आज पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। श्रमिकों का कई वर्षों का पीएफ जमा नहीं हुआ, महीनों तक वेतन नहीं मिला और अंततः प्रबंधन ने मजबूर होकर इन श्रमिकों को इंटक की सोसायटी में जोड़ दिया।
सोसायटी की गैस सिलेंडर आपूर्ति भी एक साल से अधिक समय से ठप है, जिसके चलते भेल कर्मचारियों को रोज़मर्रा की जिंदगी में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों का आरोप है कि कॉपरेटिव सोसायटी के उपाध्यक्ष रहे राजेश शुक्ला ने जब सोसायटी को संभालने की जरूरत थी, तब किनारा कर लिया। लेकिन अब वे जबरन थ्रिफ्ट सोसायटी की अध्यक्ष कुर्सी पर बैठकर वास्तविक अध्यक्ष के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं।
कानूनन थ्रिफ्ट के उपाध्यक्ष के पास अध्यक्ष की जगह हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं होता। कानूनी जानकारों का कहना है कि यदि उपाध्यक्ष ने अध्यक्ष की जानकारी के बिना दस्तख़त किए तो उन पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है और जेल तक जाना पड़ सकता है।
कर्मचारियों में आशंका है कि जिस तरह भेल कॉपरेटिव सोसायटी को बर्बादी के लिए छोड़ दिया गया, कहीं वैसा ही हाल उपाध्यक्ष द्वारा जबरन अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने से थ्रिफ्ट सोसायटी का भी न हो जाए।