बीएचईएल बनाएगी हाइड्रोजन फ्यूल सेल ट्रेनें, सिंगापुर की कंपनी से समझौता
नई दिल्ली। देश की सरकारी उपकरण निर्माता कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) अब भारत की रेल पटरियों पर हाइड्रोजन फ्यूल सेल ट्रेनें दौड़ाने की तैयारी में है। इसके लिए भेल ने सिंगापुर स्थित होराइजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी की है। कंपनी ने इस संबंध में शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025 को एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए जानकारी दी।
10 साल का समझौता
भेल और होराइजन के बीच यह समझौता 10 साल के लिए होगा। इसके तहत रेलवे के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित रोलिंग स्टॉक विकसित किया जाएगा। यह तकनीक डीजल और इलेक्ट्रिक इंजनों का शून्य-उत्सर्जन विकल्प मानी जा रही है।
क्या है हाइड्रोजन फ्यूल सेल?
हाइड्रोजन फ्यूल सेल, हाइड्रोजन को बिजली में बदल देता है। इसके उपयोग से केवल जल वाष्प और ऊष्मा निकलती है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होता है। यह लंबी दूरी के परिवहन के लिए टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है।
बीएचईएल की रणनीति
भेल का कहना है कि यह पहल उसकी प्रणोदन प्रणालियों और विद्युत इंजनों के क्षेत्र में क्षमता को और मजबूत करेगी। इससे रेलवे क्षेत्र में उसकी उपस्थिति और बढ़ने की संभावना है।
शेयर बाजार पर असर
विश्लेषकों का मानना है कि अगले सप्ताह बाजार खुलने पर इस खबर का असर दिख सकता है और BHEL के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है।
भेल न्यूज 24 के लिए रवि प्रताप सिंह की रिपोर्ट