70 दिन डिजिटल अरेस्ट में रखकर भेल रिटायर अधिकारी दंपती से 68 लाख की ठगी
भोपाल। राजधानी भोपाल में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के सेवानिवृत्त अधिकारी और उनकी पत्नी को साइबर अपराधियों ने “डिजिटल अरेस्ट” में फंसाकर 70 दिनों तक डरा-धमकाकर कुल 68 लाख रुपये ऐंठ लिए।
पहलगाम हमले की साजिश का डर दिखाया
चार जुलाई से लगातार संपर्क में रहे ठगों ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बताकर बुजुर्ग दंपती को यह कहकर धमकाया कि उनके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का इस्तेमाल पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में हुआ है। साथ ही उनके बैंक खाते में गैंगस्टरों द्वारा भारी भरकम रकम जमा होने का झूठा आरोप लगाया।
11 खातों में भेजी जमा-पूंजी
ठगों के दबाव में आकर अधिकारी ने पहले अपनी ग्रेच्युटी और बैंक जमा की 48 लाख रुपये की पूरी राशि उनके बताए खातों में जमा कर दी। इसके बाद भी चैन न मिला तो ठगों ने बेटी, भतीजे और समधी से उधार लेकर 20 लाख रुपये और मंगवाकर ट्रांसफर करवा दिए।
मकान बेचने का भी बना दबाव
साइबर ठग यहीं नहीं रुके। उन्होंने बुजुर्ग दंपती पर मकान बेचने के लिए भी दबाव बनाया। इस दौरान जब पीड़ित अधिकारी ने बेटे को फोन कर पूरी बात बताई, तब जाकर इस डिजिटल अरेस्ट की सच्चाई सामने आई। बेटे ने तत्काल साइबर पुलिस से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई।
वीडियो कॉल पर कराई बातचीत
पूरे 70 दिनों तक ठग लगातार दंपती पर मानसिक दबाव बनाते रहे। कभी खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी तो कभी सीबीआई अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर बातचीत करते रहे और भरोसा दिलाते रहे कि जांच पूरी होने के बाद पैसे लौटा दिए जाएंगे।
साइबर पुलिस ने शुरू की जांच
शिकायत दर्ज होते ही भोपाल साइबर पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि ठगों ने दंपती से रकम वसूलने के लिए 11 अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल किया है। पुलिस अब इन खातों के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
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🚨 सावधान रहें – ऐसे बचें साइबर ठगी से
1. कोई भी सरकारी एजेंसी कभी फोन पर पैसे जमा करने को नहीं कहती।
2. अगर कोई खुद को पुलिस, सीबीआई या बैंक अधिकारी बताकर दबाव डाले, तुरंत कॉल काटें।
3. वीडियो कॉल या ई-मेल पर किसी अजनबी से व्यक्तिगत/बैंकिंग जानकारी साझा न करें।
4. संदेहास्पद कॉल आने पर तुरंत 1930 (राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर) या नजदीकी साइबर थाने से संपर्क करें।
5. परिवार के साथ लगातार संपर्क बनाए रखें ताकि किसी भी दबाव की स्थिति में मदद मिल सके।
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(राघवेंद्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट)