September 19, 2025 7:26 pm

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थ्रिफ्ट बैठक से रोकने के लिए पुलिस का सहारा, लेकिन बसंत कुमार ने शालीनता से रचा इतिहास

भेल न्यूज 24 के लिए रवि प्रताप सिंह की खास रिपोर्ट

थ्रिफ्ट बैठक से रोकने के लिए पुलिस का सहारा, लेकिन बसंत कुमार ने शालीनता से रचा इतिहास

भोपाल। भेल थ्रिफ्ट सोसायटी में पिछले कई हफ्तों से जारी विवाद ने आज मंगलावर को नया मोड़ ले लिया। शाम 5:30 बजे होने वाली थ्रिफ्ट की बैठक से पूर्व भेल के गेटों पर अचानक पुलिस की तैनाती कर दी गई।
जानकारी के अनुसार, ड्यूटी से छूटकर थ्रिफ्ट की बैठक के लिए जा रहे संस्था अध्यक्ष बसंत कुमार को पुलिस ने गेट पर रोक लिया और 2022 के थ्रिफ्ट चुनाव से जुड़े एक पुराने मामले में बयान दर्ज कराने के लिए सीधे पिपलानी थाने ले गई। पुलिस की इस कार्रवाई ने पूरे घटनाक्रम को और विवादित बना दिया।

बसंत कुमार को बिना किसी नोटिस के थाने में करीब डेढ़ घंटे बैठाया गया। इस दौरान उनके समर्थन में दीपक गुप्ता, निशांत नंदा, राजकुमार इडपाचे, लोकेन्द्र शेखावत और शाहिद अली आदि थाने पहुँचे और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद लगभग 6:30 बजे बसंत कुमार को छोड़ा गया।

बैठक में हुआ ऐतिहासिक फैसला

थाने से निकलने के बाद भी बसंत कुमार सीधे पूर्व निर्धारित थ्रिफ्ट की बैठक में पहुँचे। उनकी अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संस्था के 6 डायरेक्टरों ने हिस्सा लिया।
बहुमत से लिए गए निर्णय के अनुसार—
नए वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सीनियर वाइस प्रेसीडेंट): निशांत नंदा
नई सचिव: श्रीमती किरण धामने
बैठक में यह भी तय हुआ कि अब संस्था की साइनिंग अथॉरिटी अध्यक्ष बसंत कुमार के साथ निशांत नंदा और श्रीमती किरण धामने होंगी।

विवाद पर लगा विराम

कई हफ्तों से चली सह-मात की राजनीति आखिरकार शांत हो गई। कुछ सप्ताह पूर्व अध्यक्ष के ऑफिस में ताला जड़ने से शुरू हुआ विवाद आज नए वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सचिव की घोषणा के साथ समाप्त हुआ।
बसंत कुमार ने पूरे घटनाक्रम के दौरान विरोधियों की दबाव की रणनीति का शालीनता से सामना किया। न उन्होंने कोई पुलिस कंप्लेन की और न ही जातिवाद, क्षेत्रवाद और जोर-जबरदस्ती की राजनीति के सामने घुटने टेके।
“जनादेश का सम्मान” – दीपक गुप्ता

बैठक के बाद संस्था संचालक दीपक गुप्ता ने कहा

> “चुनाव में बसंत कुमार की पैनल को 5, सत्यमेव जयते पैनल से 3  और पारदर्शी पैनल से 2 संचालकों  को जीत मिली  थी। किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं था। लेकिन आज जिस तरह से अध्यक्ष बसंत कुमार की पैनल से अध्यक्ष, सत्यमेव जयते पैनल से वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पारदर्शी पैनल से सचिव चुना गया है, यह जनादेश का सम्मान है।”
दीपक गुप्ता ने आगे कहा कि संस्था को बीच मझधार में छोड़ना ठीक नहीं था, इसलिए मजबूती से बसंत कुमार का साथ दिया गया।

SC/ST वर्ग लामबंद

पिछले दो हफ्तों में बसंत कुमार पर हुए दबाव, धमकी और जोर-जबरदस्ती की कोशिशों से भेल कारखाने का SC/ST वर्ग बेहद आक्रोशित है। कर्मचारियों का कहना है कि जातिगत भेदभाव और दमन की राजनीति का खामियाजा भविष्य के यूनियन चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।

भेल न्यूज 24 के लिए रवि प्रताप सिंह की रिपोर्ट

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