September 19, 2025 9:06 pm

Search
Close this search box.

भेल की अंतरिक्ष में नई उड़ान: ISRO-NASA के ऐतिहासिक मिशन ‘NISAR’ में अहम योगदान

भेल न्यूज़ 24 | अंतरिक्ष विज्ञान

📅 दिनांक: 1 अगस्त 2025

भेल की अंतरिक्ष में नई उड़ान: ISRO-NASA के ऐतिहासिक मिशन ‘NISAR’ में अहम योगदान

भोपाल

भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक और गौरवपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। ISRO और NASA के पहले संयुक्त मिशन NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) को सफलतापूर्वक 30 जुलाई 2025 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F16 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया।
इस ऐतिहासिक मिशन को सफल बनाने में भारत की महारत्न कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने भी अहम भूमिका निभाई है। BHEL ने इस मिशन के लिए तीन स्पेस-ग्रेड सोलर पैनल और एक स्पेस-ग्रेड ली-आयन बैटरी का निर्माण किया, जो उपग्रह को ऊर्जा प्रदान करेंगे।
🔋 भेल के उत्पादों की विशेषताएं:
तीन सोलर पैनल – प्रत्येक 4 वर्ग मीटर आकार का और 1100 वॉट क्षमता का, जो बेंगलुरु स्थित भेल इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स डिवीजन में बनाए गए।
ली-आयन बैटरी – लगभग 11 kWh क्षमता वाली, आधुनिक सिलिंड्रिकल सेल तकनीक से निर्मित।
GSLV रॉकेट में भी भेल की 112 ली-आयन सेल का प्रयोग किया गया।
🌍 NISAR मिशन क्या है?
NISAR मिशन, पृथ्वी की सतह के परिवर्तनों पर निगरानी रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उपग्रह हर 12 दिन में पूरी पृथ्वी का नक्शा तैयार करेगा और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी, हिमपात, समुद्र-स्तर वृद्धि, वन संपदा और भूजल स्तर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर डेटा प्रदान करेगा।
🇮🇳 भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक:
भेल का यह योगदान ना केवल तकनीकी उत्कृष्टता का उदाहरण है, बल्कि भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को भी दर्शाता है। इससे पहले भी चंद्रयान-3 और SPADEX मिशन को सफल बनाने में भेल की तकनीक अहम रही है।
🛰️ नए क्षितिज की ओर:
इस उपलब्धि से भेल का नाम वैश्विक अंतरिक्ष तकनीक में और अधिक सशक्त हुआ है। यह उपलब्धि न केवल कंपनी के लिए गर्व की बात है, बल्कि देश के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण है।
📌 #BHEL #ISRO #NASA #NISAR #SpaceMission #MakeInIndia #AtmanirbharBharat
✍️ रिपोर्ट: भेल न्यूज़ 24 डेस्क

Leave a Comment

और पढ़ें

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें