September 19, 2025 9:07 pm

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थ्रिफ्ट को चुनाव में धकेलने से बचाया ‘सत्यमेव जयते’ ने – रंजीत सिंह

 


थ्रिफ्ट को चुनाव में धकेलने से बचाया सत्यमेव जयते ने – रंजीत सिंह

भोपाल। बीएचईई  थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसायटी के हालिया फेरबदल को लेकर भेल सीटू के महामंत्री रंजीत सिंह ने ‘भेल न्यूज़ 24’ से विशेष बातचीत में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि थ्रिफ्ट की आज की समस्या का बीज उसी समय बो दिया गया था, जब चुनाव में किसी भी एक पैनल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।
चुनाव परिणामों में तत्कालीन अध्यक्ष बसंत कुमार के प्रगतिशील पैनल को 5 सीटें, दीपक गुप्ता/नरेश जादौन के सत्यमेव जयते पैनल को 3 सीटें, कमलेश नागपुरे/गौतम मोरे के पारदर्शी पैनल को 2 सीटें और राजेश शुक्ला अपने पैनल से अकेले विजयी हुए थे। यानी सदस्यों ने एक खंडित जनादेश दिया था।
रंजीत सिंह ने बताया कि 5 सीट लाकर नंबर-1 पर आए बसंत कुमार के पैनल ने, नंबर-4 पर रहे राजेश शुक्ला (1 सीट) से गठजोड़ कर लिया। परिणामस्वरूप, केवल 1 सीट लाने वाले राजेश शुक्ला को उपाध्यक्ष बना दिया गया। वहीं, सर्वाधिक वोटों से जीते दीपक गुप्ता और उनके सत्यमेव जयते पैनल के 3 डायरेक्टरों को विपक्ष में बैठना पड़ा।
लगभग 3 साल बाद, आंतरिक कलह और भीतरघात ने अध्यक्ष बसंत कुमार को पुनः विचार पर विवश किया। अब नई कार्यकारिणी ठीक उसी तरह गठित की गई है, जैसा जनादेश कर्मचारियों ने दिया था—
  • अध्यक्ष 5 सीट वाले पैनल से,
  • उपाध्यक्ष 3 सीट वाले सत्यमेव जयते पैनल से,
  • और सचिव 2 सीट वाले पारदर्शी पैनल से बनाए गए।
रंजीत सिंह ने कहा कि “खंडित जनादेश का सम्मान होना जरूरी था। 3 सीट लाने वालों को विपक्ष में और 1 सीट लाने वाले को उपाध्यक्ष बना देना भी जनादेश का अपमान था। अब बनी कार्यकारिणी कर्मचारियों की मंशा के अनुरूप है। कुछ गिने-चुने लोगों को छोड़कर अधिकांश सदस्य इसे सही ठहरा रहे हैं।”
भेल न्यूज़ 24 – सबसे तेज़।

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